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क्या हम एक होंगे ?

Great India
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” घर फूटे गंवार लुटे ” ये किसी ने कहा है जो आज सच नज़र आता है ” ढेर जोगी मठ का उजाड़ ” ये भी किसी का कहा हुआ है जिसका भी असर देखा जा रहा है वो इस तरह के जब चुनाव का समय आता है तो जनता देख और सुन कर परीशान होती है के जितनी पार्टियां हैं सब के सब यही कहती हैं के हम जित रहे हैं और आपकी सेवा के लिए ही आये हैं मगर ये सारे वादे वहीँ रह जाते हैं जहाँ वो जित की खबर सुनते हैं क्यों के उनका मकसद ही वही होता है भूलना , खुद के बारे में सोचना और जो अब हम एक जनता कहलाते हैं हमें आपस में ही लड़ा देना मंदिर मस्जिद ज़ात पात में उलझा देना .
ये लगता है के उसी कहावत से मिलता है के हमारे घर यानी एकता मोहब्बत खुबसूरत समाज को बिखेर देना और हम पर राज करना .
अफ़सोस इस बात का है के वो अकेले होकर हम पर हावी हो जाते हैं हम बहक जाते हैं उन्हें समझ नहीं पाते हैं वो सिर्फ इस लिए के हमारी आवाज़ हमारा सोच हमारा प्यार हमारा गाँव , मोहल्ला , पंचायेत , ब्लौक , यानी के हम एक नहीं होते .
जब जब हम एक हुए तो कुछ न कुछ किया एक घर एक हुआ तो अच्छी ज़िन्दगी गुजरी कामयाब हुए जमीने लीं कल कारखाने के मालिक हुए गाँव एक हुआ तो शान बढ़ी किसी की ताक़त नहीं के हमारे गाँव के तरफ बुरी नज़र डाले जब एक हुए तो देश आजाद हुआ.
क्या आज फिर हम एक हो जाएँ तो कुछ नहीं कर सकते हैं मगर सवाल ये है के हम एक हों कैसे कौन करे हमें एक उसके लिए कौन है जो हमारा लीडर बने सलाहकार बने अगुवाई करे कौन है जो हमें सही रास्ता दिखाए .
इस एकता के लिए म्हणत करनी होगी कसम खानी होगी सबसे पहले अपने घर से एक होना होगा हर घर के मुखिया को बदलना होगा जब घर बदलेगा तो हमारा पडोसी बदलेगा जब पडोसी बदलेगा तो गाँव बदलेगा गाँव के बाद पंचायेत फिर ब्लोक फिर जिला फिर राज्य फिर देश अगर एक होने या बदलने का जज्बा हमारे अन्दर पैदा हो जाए तो समय नहीं लगेगा के एक हम एक बदला हुआ माहौल देखेंगे इस बदलाव के लिए लीडर की ज़रुरत नहीं क्योंके हर घर का एक लीडर होता है जो घर को चलाता है बस ज़रुरत उसी लीडर के बदलने की अगर लीडर ने खुद को बदल दिया तो सब कुछ बदल जाएगा .
काश हम सब एक साथ सत्य अहिंसा ईमानदारी भलाई हमदर्दी आदर सम्मान भाई चार्गी प्रेम का पाठ पढ़ लेते तो आज हमें कोई लड़ा नहीं पाता वैसे ये सच है के मालिक ने सबको एक जैसा सोच और दिल नहीं दिया मगर हम कुछ तो समझ सकते हैं सब कुछ बदल रहा है काश हम भी बदल जाते .
मैं आग्रह करता हूँ के अगर मुझ से लिखने में कोई गलती हुयी हो तो हमारा भी सुधार करें . धन्यवाद

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