Menu
blogid : 4773 postid : 616320

अच्छी शुरुआत मगर बदकिस्मत लालू प्रसाद यादव

Great India
Great India
  • 107 Posts
  • 253 Comments

आज जो कुछ भी सामने आया पुरे दिन भर लोगों ने देखा हर वो लोग जो इस भारत वर्ष में रहते हैं जिस पर सबकी निगाहें टिकी रहीं आज लालू प्रसाद के जेल जाने से
लालू को सजा मिली
देश को न्याय मिला
उनके परिवार को गम मिला
उनके समर्थकों को निराशा मिली
और जो सबसे अहम् और ख़ास फायेदा हुआ वो उन तमाम पार्टियों को हुआ जो आर जे डी या लालू के खेलाफ हैं उन्हें एक बहुत बड़ा मुद्दा मिला
एक उनके रास्ते का बहुत बड़ा काँटा निकल गया उनका सोचना होगा के एक पार्टी कम होने के कगार पर पहुँच गयी
उमीद है के देश के हर उस इंसान को कुछ नसीहत मिल गयी होगी जो देश के गरीब व लाचार व मजबूर जनता के किस्मत की रोटी और हक को इस तरह निगल जाते हैं जैसे के आग लकड़ी को पाप पुन्य को बदनामी नेकनामी को मगर वो इस बात से अनजान होते हैं के हर गुनाह हर पाप अपना निशाँ छोड़ जाता है जो कभी भी रंग लाएगा और गुनाह करने वाले को एक न एक दिन सजा दिला कर ही रहेगा जितनी बड़ी ताक़त होती है उतने ही दिन वो अपने गुनाहों पर पर्दा डाल सकता है जिस दिन ताक़त ख़त्म हुई वक़्त का पंजा चल जाता है और वो सजा पा लेता है .
अब सोचना और देखना ये है के आज के फैसले से क्या असर होता है :
क्या आज से इस गुनाह पर रोक लग जायेगी
क्या अब इस तरह के घोटाले नहीं होंगे
क्या अब गरीबों के हक मारे नहीं जायेगे
क्या अब हर हकदार को उसका हक समय से और पूरा मिलेगा
क्या लोग डर गए
क्या सरकार के खजाने में वो दौलत वापस आ गयी
क्या अब उन हकदारों को जो चारे के हक़दार थे अब फिर से दे दिया जाएगा
क्या ये नुक्सान रिकवर हो जायेंगे
क्या घोटाले बाज़ और भरष्ट लोग आज से अपने आदतें बदल देंगे
क्या कुछ उनको नसीहत मिली
क्या अब भी शर्म आयी
क्या परिवार की इज्ज़त नीलाम होने से कुछ सबक मिला .
नहीं ऐसा कुछ नहीं हुआ और नहीं होगा क्युनके :
क्यों के उनका ज़मीर ( आत्मा ) मर चूका है
क्यों के आदि हो चुके हैं
क्यों के ताक़त पर नाज़ है
क्यों के कानून बहुत ही सुस्त है
क्यों के काफी म्हणत के बाद ये कुर्सी मिलती है
क्यों के ऐसे लोगों ने कभी गरीबी नहीं देखि
क्यों के ये लोग दो वक़्त भूखे नहीं रहे
क्यों के ये गरीबी नहीं गरीब को मिटाने का इरादा रखते हैं
क्यों के ये वोट दिल से नहीं दर्द से लेते हैं
क्यों के ये गरीबों को गरीब ही नहीं वकती बेवकूफ भी समझते हैं
आज उस भीड़ में उस अदालत में वो भी थे जिन्होंने ठगी तो की है मगर अभी तक पकडे नहीं गए घोटाला तो किया है मगर अभी तक सामने नहीं आये रिश्वत लेने वाले भी थे चोरी करने वाले भी थे कुछ देर के लिए दिल सहमा होगा कुछ सोचा होगा कुछ डरे होंगे कुछ कसमे भी खाए होंगे के अब ऐसा नहीं करेंगे .
मगर जिस तरह आज लालू के मुखालिफ देश के लोग लालू पर तंज़ कर रहे होंगे और हैं कल उन में से भी सजा पाया तो उनकी हालत कैसी होगी आज हम पर तुम हंसो कल हम तुम पर ये सिलसिला कब तक रहेगा अगर ये पूछा जाय तो शायेद जवाब ये मिलेगा के :
जब तक मुखिया सो रहा है
जब तक पहरेदार ही चोर है
जब तक हम ज़बरदस्ती वोट डालते रहेंगे
जब तक ज़ात पात धर्म के नाम पर वोट डालेंगे
जब तक हम बेवकूफ रहेंगे
जब तक हम अपनी तकदीर के मालिक इनको बनाये रखेंगे
जब तक हम एक अच्छे और इमानदार वोटर नहीं बनेगे
जब तक एक बोतल शराब और चाँद रुपये के लिए अपना कीमती वोट एक लुटेरे को देते रहेंगे
जब तक हम अपनी ताक़त नहीं पहचान लेते
जब तक हम जिंदा दिल नहीं होते
जब तक हम अपने दिल में सिर्फ और सिर्फ इंसानियत को जगह नहीं दे देते
जब तक हम भीड़ के पीछे भागना बंद नहीं करते
जब तक हम ” घर फूटे गंवार लुटे ” के मोहावरे को समझ नहीं लेते
जब तक हम ” बेवकूफ के धन में हुशियार का ३ होता है ” मान नहीं लेते
जब तक हम भागलपुर ,गुजरात और फिर मुज़फ्फरनगर के कियामत वाले दृश्य को दिल पर लेकर सोच नहीं लेते

क्यों के सबका मकसद एक ही है दौलत जमा करना तरीके अलग अलग हैं
हमारे देश में घोटाले का सैलाब आया हुआ है
बलात्कार की नदी बह रही है
नफरत की आंधी चल रही है
तनाव और बदगुमानी का तूफ़ान आया हुआ है
देश प्रेम सिर्फ गरीबों में रह गयी है
प्यार के नशेमन में आग लगी हुई है
हर तरफ चींख ही चींख है
हर तरफ उदासी ही उदासी है
हर तरफ निराशा ही निराशा है
हर तरफ मायूसी ही मायूसी है
मेरे प्यारे देश वासियों हम चाहे जितना लिख लें पढ़ लें और चिल्ला लें जब तक नींद से आँख नहीं खोलेंगे दिल को जिंदा नहीं करेंगे तब तक सब कुछ बेकार है इस से कुछ नहीं होने वाला जब तक हमारी आवाज़ एक दुसरे से नहीं मिलेगी हमारी हालत ठीक वैसे ही है के जैसे चिड़ियों ने किया था शिकारी आएगा जाल बिछाएगा दाना डालेगा लोभ में फँसना मत सब यही पढ़ रहे थे शिकारी आया भी जाल बिछाया भी दाना दल भी ये लोग दाना खाए भी फँस भी गए मगर रट रहे हैं के शिकारी आयेगा जाल बिछाएगा …………………………………

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh