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विश्वास, यकीन, ईमान

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हर तरफ विश्वास अंधविश्वास श्रधा और यकीन जैसे शब्दों में लोग फंसे हुए हैं और ये सच है के इन शब्दों पर ही चलती है हमारी ज़िन्दगी की गाड़ी अगर हम किसी पर यकीन नहीं करते तो हमारा बहुत सा काम रुक जाएगा अफ़सोस ये है के इन्ही शब्दों के मानने वाले धोखा खा रहे हैं आखिर क्यों हम इन शब्दों पर गौर नहीं करते .
हमारे कहने का मतलब ये है के जब हम कोई सामान खरीदने बाज़ार जाते हैं और अगर कोई सामान पसंद आ जाए तो दुकानदार से सवालों की लाईन लगा देते हैं जैसे कहाँ का बना है अगर लोकल है तो कमज़ोर होगा मानी जानी कंपनी का है तो आँख बंद कर के ले लेते हैं क्युके पता है यकीन है के मज़बूत होगा इसी तरह अगर मामूली या नयी कंपनी का है तो बहुत सवाल करते हैं यानि के बहुत ही मुश्किल के बाद विश्वास होता है के अच्छा होगा अब देखना ये है के एक सामान के लिए इतना परिश्रम करते हैं जिसे एक न एक दिन टूट ही जाना है क्यों के विश्वास होता ही है टूटने के लिए अगर टूटने की उमीद नहीं है तो वो बन जाता है ईमान और ईमान ये शब्द बहुत ही कठिन और मुश्किल , परिश्रम , जांच के बाद दिल और ज़बान से निकलता है ईमान का मतलब है के हम जिसको मान गए तो मान गए और जब हर तरह से आजमा लिया देख लिया परख लिया कोई संदेह नहीं कोई दाग नहीं हमारे ग्रन्थ कुरान और धार्मिक महापुरुषों से सिद्ध हो गया तब हम ईमान लाते हैं और मानते हैं तो उसे ईमान कहते है जो सिर्फ धर्म से सम्बंधित विचारों और नियमों और धार्मिक कार्यशैली पर आधारित होता है जैसे हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई और भी अनेक लोग ये ईमान रखते हैं के पुरे संसार जो एक ही संसार है जिसे दुनिया भी कहते हैं इसको अपने ताक़त से चलाने वाला एक ही है जिसे अनेक भाषाओँ में अनेक नाम से जानते हैं जैसे इश्वर , अल्लाह और गौड नाम अलग अलग हैं मगर है सिर्फ और सिर्फ एक जिस तरह एक राज्य में दो राजा नहीं हो सकता उसी तरह ये जो संसार है वो एक है तो मालिक भी एक ही है तो ये हम सबका ईमान है .
अब जो अपने आप को उस मालिक का प्यारा कहे उसका ध्यान लगा कर हमें कुछ देने वाला कहे उसका नाम लेकर उसके जाप में डूबने वाला कहे अपने आपको को बहुत ही बड़ा अंतर्यामी कहे और हम जल्दी ही मान जाएँ जिसकी पर्शंसा हमने सिर्फ लोगों से सुनी है जो अभी दुनिया में है विश्वास कर लें के हाँ वैसा ही है जैसा लोगों ने कहा तो यकीनन ये विश्वास एक न एक दिन टूट जाएगा क्यूँ के अभी तक हमने आम जनता और कुछ लोगों से सुना है देखा नहीं किसी महान्व्यक्ति ने सिद्ध नहीं किया के हाँ ये आदमी अब रूप बदल चूका है इश्वर के इशारों पर चल रहा है ऐसे व्यक्ति से जब हम मिल लें उसकी अच्छाई का पता चल जाए और प्रमाण मिल जाएँ के हाँ ये साफ़ और दुनिया के दौलत की चाहत से दूर और हर मनुष्य के दिल में बसने की चाहत रखने वाला इश्वर की बताई राह पर चलने वाला सबको एक ही उपदेश देनेवाला यही इंसान है तो अब हम यकीन कर लेंगे क्यों के जो इंसान इश्वर का हो जता है वो दुनिया का ऐश व आराम से कोसों दूर हो जाता है अपनी शक्ति का पर्दर्शन और प्रचार कभी नहीं करता वही संत , फ़क़ीर , बाबा , साधू , इश्वर का प्रिय कहलाता है क्यों के दुनिया का हर मज़ा और आराम उसके सामने कुछ मानी नहीं रखता और इस लिए इश्वर उसका हो जाता है के वो पहले इश्वर के लिए खुद को मिटा हो चूका होता है किसी ने सही कहा है के ,
मिटा दो अपनी हस्ती को अगर कुछ मर्तबा चाहो
के दाना ख़ाक में मिल कर गुले गुलज़ार होता है
आज उल्टा हो रहा है के जो अपनी हस्ती को बचाने के लिए लोगों के इज्ज़त से खेलता है लोगों की दौलत गलत तरीके से हासिल करता है ऐश की ज़िन्दगी बसर करता है जिसका हर दिन होली और हर रात दिवाली के तरह गुज़रती है हमेशा मस्ती में मगन रहता है हवाई जहाज़ का सफ़र करता है और दुनिया के भूल भुलैयों में गम रहता है उसके लिए ये दुनिया सवर्ग ही स्वर्ग जैसी है वो जब अपने आपको संत ज्ञानी बाबा इश्वर का प्यारा फ़क़ीर और सीधे ऊपर से कनेक्शन रखने वाला प्रसिद्ध करता है तो हम उसके बारे में सोचे समझे बिना पता लगाये बिना उसको आजमाए बिना जल्दी ही यकीन कर लेते हैं उसे सब कुछ मान लेते हैं अन्धविश्वास में इतना डूब जाते हैं के अच्छे bure का होश नहीं होता है हम सिर्फ उन्ही को देखते हैं जो वैसे बनावटी बाबा संत फ़क़ीर के दलाल होते हैं जो उनके लिए काम करते हैं उनका प्रचार करते हैं उनके फेके हुए जाल में हमें भी फंसाते हैं मगर जब कभी उनका पोल खुलता है हकीक़त सामने आती है तब तक हम बहुत ही दूर जा चुके होते हैं बहुत कुछ लुटा चुके होते हैं अब जब हम कहीं के नहीं रहे तो उसी के खेलाफ हो जाते हैं और उन लोगों से जंग भी करनी पड़ती है जो उनके कल भी दलाल थे आज भी हैं कल भी रहेंगे शायेद .
तो देखा आपने के विश्वास टूटने के लिए होता है और जब बिना किसी खोज छान बिन के होता है तो टूट ही जाता है इस लिए कहा गया है के जल्दी में किसी को दिल मत दो जल्दी में विश्वास मत करो जहाँ इमान धर्म श्रधा , प्रेम और इश्वर अल्लाह तक जाने का मामला हो क्यों के गलत रास्ता पकड़ लेने से इंसान कहीं का भी नहीं रहता क्यों के ,

ईमान और धर्म घर नहीं के रोज़ बनाया और बिगाड़ा जाय
ईमान और धर्म कोई खेल नहीं के रोज़ नया खेला जाय
विश्वास कोई लकीर नहीं जो रोज़ खिंचा और मिटाया जाय
यकीन कोई गड्ढा नहीं जो रोज़ खोदा और भरा जाय

ठीक उसी तरह दुनियावी मामले में भी लीडर के मामले में भी हमें हमें देखना चाहिए के कौन किस काबिल है कौन क्या कर सकता हम जिसे अपना लीडर बनाना चाहते है वो कैसा है उसके विचार कैसे हैं उसकी भाषा कैसी है उसकी आदत कैसी है उसके सलाहकार कैसे हैं हम में से है या नहीं बातें सबकी करता है या किसी एक वर्ग का करता है वैसे तो इस ज़माने का ज़यादह लीडर चुनाव से पहले जनता का भिखारी होता है जित जाने के बाद गरीबी नहीं गरीबों को मिटाना चाहता है चुनाव से पहले गरीबों के पांव पड़ता और सिने से लगता है जित जाने के बाद उसी गरीब से बदबू आती है छोटे लोग लगने लगते हैं गाली भी खाते हैं बेचारे गरीब . अब हम अगर बिना समझे इनसे भी दिल लगायेंगे विश्वास करेंगे और इनके दलालों के बातों में आकर इन पर भरोसा करेंगे तो एक दिन फिर आएगा के हमारे हाथ सेवाए पछताने के और दिल टूटने के कुछ हासिल नहीं होगा अक्सर देखा गया है के जो हमारा रक्छक बनता है हमारी मदद का यकीन दिलाता है और फिर गाएब हो जाता है जब वो ऊँचा पद हासिल कर लेता है जो हम उसे देते हैं उसे वो ताक़त दे देते हैं जिस से हमारी हिफाज़त, मदद कर सकता था हमारे आंसू पोंछता हमसे हमदर्दी करता हमारे जैसे दबे कुचलों मजबूरों की आवाज़ बनता मगर नहीं अब वो नहीं रहा जो हमने सोचा था अब वो एक लीडर बन चूका है मज़बूत बन चूका है बदल गया है अब वो आगे निकल गया है हमारी उसे ज़रुरत नहीं हमारी उसे फिकर नहीं भूल चूका है हमको या समझ चूका है हमको हो चुके हैं हमारे ही साथी उसके साथ जो हमें उसके लिए करते हैं मजबूर फिर दिला देंगे हमसे उसी को वोट जीता देंगे फिर उसी को केयू के हम सो रहे हैं दिल टूट चूका है हमारी ताक़त टूट चुकी है हम एक नहीं हैं हमारी समझ एक नहीं है हमारी राय एक नहीं है हमारा गांव एक नहीं है हमारी सोच एक नहीं हमारी मोहब्बत एक नहीं हमारा मार्ग दर्शन एक नहीं है .
इस लिए बहुत ही सोच समझ कर हम विश्वास , यकीन और अपना ईमान किसी पर रखें हर इंसान इसके काबिल नहीं.

धन्यवाद आप सबका अगर कोई बात सही नहीं हो तो आपके सुझाव का इंतज़ार रहेगा .

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