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अभी अभी एक लेख पढ़ा ” काश हिनू भी वोट बैंक होते ” बहुत ही अफ़सोस हुआ के इस तरह के सोच रखने वाले आज भी हैं जैसे ब्रज किशोर सिंह का जो भी शब्द है उनके लेख में मैं सिर्फ उनके दिल व दिमाग से वो बात मिटाना चाहता हूँ के आप जैसे लोग ही हैं जो शायद आतंकवाद को ख़तम करने के बजाये उसे हवा दे रहे हैं और मुसलमानो को अपना भाई और देश का सिपाही समझने के बजाये उन पर गलत इलज़ाम लगा कर उनके दिलों को तोड़ कर अपने वतन भारत के एक संतान को दुखी कर रहे हैं .
मैं ने एक लेख लिखा था के मुसलमान कहते किसे है ” वो मुसलमान हो ही नहीं सकता ” उसे भी पढ़ लें और हमारे जितने भी लेख हैं उन सबको भी पढ़ लें आपको पता चल जाएगा के मुसलमान अपने प्यारे देश भारत से कितना प्यार करता है आपने लिखा है के मुस्लिम भारत को अपनी माँ नहीं समझता है उसका ये अस्थायी जगह है तो माँ किसे कहते हैं और माँ बेटे को कहाँ रखती है पहले आपको बता दूं हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में जितने भी देश हैं उन तमाम देशों का जन्म इसी धरती पर है और ये धरती एक ही है जो पूरी दुनिया में फैली हुयी है और इस धरती पर ही भारत , नेपाल , श्रीलंका . अरब , अमेरिका . यानि पूरी दुनिया है और हर देश में रहने वाला वहाँ का नागरिक है जैसे पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दू पाकिस्तानी हैं मुस्लिम भी पाकिस्तानी हैं भारत में रहने वाले हिन्दू भारतीय हैं मुस्लिम भी भारतीय हैं नेपाल में भी रहने वाले वैसे ही हैं यानि के पुरे देश में जो जहाँ है वही कि ज़मीन वही देश उसका मादरे वतन है मादर फ़ारसी शब्द है और मादर के मणि माँ है और माँ वो है जो अपने संतान को सीने से लगा कर रखती है अपने आँचल में छुपा लेती है जब भी हम माँ के गोद में सर रखते हैं तो सकून ही सकून मिलता है और मुस्लिम का स्वर्ग माँ के चरणो में होता है जो माँ से प्यार नहीं करता वो चाहे जितना भी पुण्य और पूजा कर ले स्वर्ग का हक़दार नहीं हो सकता अब देखें माँ के चार बेटे हैं या अनेक सब उस माँ के पूत हैं उनमे कुछ सपूत होते हैं जिनसे माँ बहुत प्यार करती है वो इस लिए के सपूत माँ का सेवा करता है उस माँ से प्यार करता है उस माँ को शर्मिंदा नहीं करता है उस माँ को तकलीफ नहीं देता है उस माँ से कभी गद्दारी नहीं करता इस लिए वो सपूत होता है और माँ का बहुत प्यारा होता है और कुछ होते हैं कपूत जो माँ का आदर नहीं करते माँ कि सेवा नहीं करते माँ से प्रेम नहीं करते माँ को हर जगह डांटते और झिड़कते हैं उनसे माँ नाराज़ होती है कभी कभी माँ उसे श्राप भी देती है .
तो आप ज़रा ठीक से सुने मुस्लिम चाहे जिस देश का वासी हो ऐसा पूत है जो सपूत बन कर रहता है के मरने के बाद भी माँ के सीने में ही जाकर छुपता और सोता है यानि इसी धरती माँ के गोद में हमेशा के लिए सो जाता है उसे कहते हैं सपूत ठीक उसी तरह से जो हिन्दू भी सपूत बन जाता है जिसे संत या साधू कहते हैं वो भी माँ के गोद में सोता ही है आज आप जो भी कहते हैं कभी इतिहास उठा कर देखा के अशफ़ाक़ुल्लाह खान कौन थे अब्दुलहमीद खान कौन थे मोहम्मद अली जौहर कौन थे अबुल कलाम आज़ाद कौन थे क्या आप बता सकते हैं के बापू का कातिल कौन है इंद्रागांधी का कातिल कौन है राजीव गांधी का कातिल कौन है जितने भी भारत के लाल और भारत कि शान बढ़ाने वाले कौन हैं जी वो सब भारत के संतान हैं और थे जो भी इस धरती पर जन्म लिया जो भी इस धरती पर बस्ता है उसकी नागरिकता है भारतीय है चाहे वो जिस धर्म का हो जिस ज़ात का हो जिस खानदान का हो वो सिर्फ और सिर्फ एक ही नाम है उसका हिंदुस्तानी , भारतीय , इंडियन , और कोई दूसरा पहचान नहीं .
अब रहा वोट बैंक का सवाल तो अगर मुस्लिम वोट बैंक है और मुस्लिम एक मंच पर हैं तो हर पार्टी में क्यूँ भाजपा में मुस्लिम नेता बसपा में मुस्लिम नेता लोजपा में मुस्लिम नेता जदयू में मुस्लिम नेता राजद में मुस्लिम नेता कोंग्रेस में मुस्लिम नेता कहाँ आपने इनको एक देख लिया एक होते तो ये प्रधान मंत्री भी बनते मनमोहन जी अल्पसंख्यक है या महासंख्यक कौन हैं नहीं मेरे दोस्त ये भारत है यहाँ सभी को बराबर का हक़ है जो माँ का सपूत है वही सही पूत है.
इस लिए आप नफरत करो अत्य्चार से भराष्ट्रचार से नफरत से पाप से , प्यार करो माँ के हर सपूत से आपके हर सवाल का अलग अलग जवाब देने लागूं तो समय चाहिए अगर आपका मन कोमल और निर्मल है तो यही काफी है वैसे आपकी मर्ज़ी .
ग्रेट इंडिया इट हप्पेंस इन इंडिया
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