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जागरण शिखर सम्मान के पात्र १० लोग

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बुरा जो ढूंढन मैं चला बुरा मिला न कोय
आपन आप जो परखा मुझ से बुरा न कोय

ये सबसे मुश्किल काम है इस जगह पर सब लोगों ने अपने सोच और अक़ल का भरपूर इस्तेमाल किया है अपने सोच को अपने भाइयों और दोस्तों के बिच रखा है सबके हौसले बुलंद हैं और रहना चाहिए यहाँ किसी के चेहरे पर मायूसी हो दिल को मलाल हो ये मुझे पसंद नहीं अगर ये परम्परा और रस्म जागरण फॉर्म करता तो शायद किसी को किसी से शिकायत नहीं होती मगर ये नहीं हो सका तो अब मुझे भी अपने चुनावी कार्य को पूरा करना ही होगा तो लीजिये पहले मैं उनसब लोगों का साथ चाहूंगा जिनका नाम नहीं लिख पा रहा हूँ और मैं उन लोगों के साथ हूँ जो मेरे लिस्ट में नहीं हैं .

१. आदरणीय शालिनी कौशिक
विवाह-पैसे से अधिक प्यार की दरकार .
Posted On: 13 Nov, २०१३
इस लेख को मैं ने बहुत ही बार पढ़ा और सोचा भी के यही काश इस को आज हमारा समाज समझ लेता फिर बहु या बेटियों के लिए सरे
रस्ते आसान हो जाते .
Link: http://shalinikaushik.jagranjunction.com/2013/11/13/विवाह-पैसे-से-अधिक-प्यार-क/
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. आदरणीय श्री सद्गुरु जी
मैंने कहा फूलों से हंसो..”जागरण जंक्शन फोरम”
आपका ये लेख इस लिए मुझे पसंद आया के आपने ये सन्देश दिया है के इंसान वही है जो दोस्तों कि तारीफ करता है तो कभी अपने हसन
और नेकी का ज़िक्र मत करे हसन तो करे मगर हसन जताए नहीं मक़सद यही है बहुत पसंद आया .
Link: http://sadguruji.jagranjunction.com/2013/11/16/मैंने-कहा-फूलों-से-हंसो-जा/
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. श्रीमती सीमा कँवल
रखे ख़ुदा सलामत अपना ये मुल्क प्यारा …
इस कविता में सीमा जी ने वो सब कुछ दर्शा दिया है जो अपने देश से प्यार करने के लिए काफी है .
Link: http://seemakanwal.jagranjunction.com/2013/08/14/रखे-ख़ुदा-सलामत-अपना-ये-मु/
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४. श्रीमती यमुना पाठक
मैं आज भी उतना ही मासूम हूँ!
पोस्टेड ओन: 8 Nov, 2013 Special Days, सोशल इश्यू में
आपने बहुत ही सही बताया के बच्चे कैसे होते हैं और उनकी परविश पर ही सबकुछ मुनहसर करता है
Link: http://yamunapathak.jagranjunction.com/2013/11/08/मैं-आज-भी-उतना-ही-मासूम-हूँ/
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५. श्रीमान यतीन्द्रनाथ
राहुल गांधी : भारत की पुनर्खोज “Jagran Junction Forum”
इस लेख में यतिंदरजी ने एक जन्म से ही राजनीति के साथ साथ देश कि हालत और गम्भीरता को बहुत ही क़रीब से देखने वाले राजनेता
का ज़िक्र किया है इस लिए मुझे पसंद आया .
राहुल गांधी : भारत की पुनर्खोज “Jagran Junction Forum” | कलम-पथ
Link: http://yatindranathchaturvedi.jagranjunction.com/?p=644642
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६. श्रीमान मदन मोहन
प्यार की ख्वाहिश
प्यार ही सब कुछ है इस प्यार से ही साड़ी दुनिया आबाद है इसी चीज़ को आपने साबित किया है
Link: http://madansbarc.jagranjunction.com/2013/10/18/प्यार-की-ख्वाहिश/
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७. श्रीमती रंजना गुप्ता
मन कि छाया कविता
इस में दिल कि सफाई और मोहब्बत को दर्शाया है आपने .
http://ranjanagupta.jagranjunction.com/2013/11/20/मन-की-छाया-कविता/
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8. श्रीमान संजय कुमार
”बाबर” की रगों में ”हिन्दू” का खून है!
आपने भी बहुत ही अच्छा लिखा के हम इंसान हैं और हमारी पहली पहचान इंसानियत है और खून तो एक ही है इस लिए हम एक हैं .
Link: http://sanjayutterpradesh.jagranjunction.com/2013/11/11/बाबर-की-रगों-में-हिन्दू/
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९. श्रीमान योगी सारस्वत
” वहाँ ” जिंदगी कदम कदम रोती होगी
जिस तरह से आज तक इसी बहस में अच्छे लोग लगे हैं के इंसान का पद क्या है उसी पद को आपने सही समझाया है इस लेख में .
Link: http://yogensaraswat.jagranjunction.com/2013/04/15/वहाँ-जिंदगी-कदम-कदम-रोती/
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१०, श्रीमती निशा मित्तल
सचिन से सीखिए (निरर्थक आलोचना क्यों?)
बहुत ही अच्छा लगा आज अगर देश का नाम रौशन करने वाला जो सबके दिलों का क़रार है उसे सम्मानित किया गया तो ये गर्व कि
बात है.
Link: http://nishamittal.jagranjunction.com/2013/11/17/सचिन-से-सीखिए-निरर्थक-आलो/
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इन लोगों के सभी लेख और विचार बहुत ही प्यारे हैं और अच्छा हर तरह से अच्छा होता है उसके सभी विचार अच्छे होते हैं इस लिए मैं सभी के उन बातो से सहमत हूँ जो हमारी एकता और मोहब्बत और देश के सम्मान के लिए अपने दिल को ज़िंदा रखते हैं ज़मीर को सोने नहीं देते और मैं ने अपने नाम को इस लिए नहीं लिखा के खुद से मैं फैसला नहीं कर सकता और जो लोग इस से वंचित रह जाए उनके साथ मैं भी रह सकूं .

ईमाम हुसैन क़ादरी सिवान बिहार : हाल में अलखोबर सऊदी अरबिया

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