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अगर चाहतें सबकी एक हैं
अगर नीयतें सबकी नेक हैं
झूठ नहीं हमें पसंद है
खून सबका जैसे एक है
सोचता हूँ आखिर मैं कोशिशें क्यूँ बेअर्थ है
देखता हूँ हर तरफ मेहनतें क्यूँ बेअर्थ है
हर तरफ खून ही खून है
हर तरफ अलग ही एक जनून है
कोहराम ही कोहराम है
हर आदमी परीशान है
सबके ज़बान पर बस आज एक ही नाम है
सोचो भाई आज क्यूँ सारी ताक़तें बेअर्थ हैं
बेटियां बेचैन हैं डर उन्हें सताती है
जब घरों से वो कहीं भी जाती हैं
हर तरफ देखती और वो घबराती हैं
रोती हैं चिल्लाती हैं फिर वो लूट जाती हैं
रक्षक है कानून है फिर भी वो नाकाम है
देश के सिपाही ये कानून क्यूँ बेअर्थ है
जब भी देखा ठीक से कौन है कातिल मेरा
जिस्म भी जान भी लूट कर दिल मेरा
कर दिया बेहाल हमको लेके माल मेरा
दे गया ग़म हमें लेके चैन मेरा
सोचता हूँ कौन है क्या उसका नाम है
हर तरफ शोर है कौन वो बदनाम है
जब भी देखा गौर से कोई नहीं इंसान है
सब के सब चिल्ला रहे हैं सब में ही शैतान है
क्यूँ नहीं खाते कसम तौबा करें पापों से हम
हम ने ही बरपा किया सारा ये तूफान है
हम सुधर जायेंगे ज़माना सुधर जाएगा
ज़िंदगियाँ बच जाएंगी घर सुधर जाएगा
हम जो होंगे एक तो भारत भी एक हो जाएगा
बेटियां बच जाएँगी बाप भी बच जाएगा
फिर हमारा नाम जहाँ में रौशन हो जाएगा
फिर हमें इंसानियत का नाम भी मिल जाएगा
आज कानून भी है कानून के बनानेवाले भी कानून के रखवाले भी कानून को चलाने वाले भी पैसा भी है ताक़त भी है पुलिस और संसद के साथ सांसद भी मगर सबे सब एक सजावट और देखावा बन चुके हैं सारी चीज़े जैसे चिढ़ा रही हैं आज कि बेबाक और बेशर्मी कि हदे पार करती हुई नारियो का अपमान जो हमें देश में भी शर्मिंदगी के साथ साथ हमारी वो बेटियां जो अभी अभी आँखें खोल रही हैं जिन्हे इसका होश नहीं उनकी भी ज़िंदगियाँ इन चर्चे और गंदे ख़बरों से बर्बाद होने वाली हैं अगर इस बढ़ती हुई अपराध पार हर मनुष्य कि आँखें नहीं खुलीं और हर इंसान खुद अपने घर अपनी बेटियों का सिपाही नहीं बना और सरकारी कानून और देश के निकम्मे रक्षक के भरोसे रहा तो सेवाए अफ़सोस के कुछ हाथ आने वाला नहीं .
आज हम दूसरों से अपनी हिफाज़त कि उमीद लगाएं बैठे हैं खुद के बारे में हमें फिकर नहीं है इस लिए हमारी सारी मेहनत और कोशिशें बेअर्थ हैं बेकार हैं सच तो ये है के हमें अपने घर से भी सही प्यार नहीं अपनी इज़ज़त से भी कोई सरोकार नहीं . हम अगर चाहें तो कहीं भी कोई भ्रष्टचार या कोई बलात्कार नहीं क्यूँ के वो हम ही हैं कोई और दूसरा इंसान नहीं .
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