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आम जनता ही अपनी अपनी क़ाबलियत , सोच , ताक़त , प्रसिध्हता और किसी ख़ास गुण के हिसाब से कुर्सी पर बैठती है उसी आम जनता से एक नयी पार्टी आप बनी और उसमे आज इतने लोग कुर्सी तक पहुँचने वाले हैं जिनमे कुछ ऐसे भी लोग हैं जो हम जैसे राय देना और हमारी तरह सोचने वाले हैं जो इतना तक सोच लेते हैं के अगर प्रधान मंत्री होता तो ऐसा करता वैसा करता ये नहीं होने देता वो नहीं होने देता यानि के हम भी प्रधान मंत्री या मुख्यमंत्री बन सकते हैं वैसा और आज के मंत्रियों से अच्छा काम कर सकते हैं कुछ ऐसे ही होते हैं हम आम जनता .
ठीक उसी तरह आज श्री अरविन्द केजरीवाल एक नयी ताक़त नए सोच और नयी किरण के साथ आये जो कुछ दिल और खेयाल में आया बोलते गए शायद उनको भी इतनी उम्मीद नहीं थी एक आंदोलन के बाद जनता उनके खेयालात और सोच को अपने दिल में बसा कर सीधे मुख्यमंत्री के कुर्सी तक पहुंचा देगी ये उनके सोच और खाब से ज़ेयादह मिल गया जो अनोखा और बेमिसाल है अब जबके उनके वजह से या जनता कि थोड़ी से और मेहनत कि कमी से तीन पार्टियों में से किसी को वो ताक़त नहीं मिली जो जनता के लिए एक मुस्तहकम और मज़बूत सर्कार बना सके तो अब किसी भी दो को एक साथ होना मजबूरी बन गयी तो ऐसे हालात में दो ही रास्ते थे या तो दुबारा चुनाव हो या कोई दो एक होकर जनता के गाढी कमाई के पैसे को फिर दूसरी चुनाव में खर्च से बचाया जाय अगर ऐसी सूरत में कांग्रेस ने ” आप ” को अपनी मदद और अपने सीने पर ” आप ” कि ज़ुबान और ” आप ” के अभद्र इल्ज़ामों को दर किनार करते हुए उनको ऊँची कुर्सी देने का फैसला किया उन्हें जनता कि सेवा और जनता के दुःख दर्द को बांटने का मौक़ा दिया तो ये कांग्रेस का बड़कपन और उसकी देश के हित में सोचना कहा जाय तो गलत नहीं होगा .
ये बात सही है के अगर कांग्रेस चाहती तो चुप रहती कियूं के वो किसी भी काबिल नहीं है आम जनता और बीजेपी और अरविन्द केजरीवाल कि ज़िम्मेदारी थी के सरकार बनायें या दोबारा चुनाव में जाएँ मगर इन तमाम बहस और मामले में अरविन्द केजरीवाल ने ईमानदाराना तौर पर सही किया और अगर जनता कि सोच अच्छी रही और अक़ल ने काम किया तो कांग्रेस के ज़रिये सरकार गिरा देने या ” आप ” के तरककी के कामो में रुकावट बन्ने के कि बातो को जनता देखेगी और उस वक़्त भी ” आप ” कि इज़ज़त और जनता कि सहायता आप के साथ ही रहेगा अगर ” आप ” जनता जीरो से हीरो बना सकती है तो कल भी ” आप ” सच्चाई नेकी तरककी और अच्छे क़दम को आगे बढ़ते हुए आप को हीरो से ऊपर कि कुर्सी भी ज़रूर देगी ये अरविन्द केजरीवाल पर निर्भर करता है के आज और कल में क्या फ़र्क़ लायेंगे या आज से भी बेहतर किरदार अदा करेंगे .
सच यही है के जिसका जैसा कारनामा होगा वैसा ही इनाम जनता ज़रूर देगी बस ज़रुरत सिक्के के दोनों रुख को देखने कि है एक रुख को कभी भी देख कर फैसला करना गलत होता है .
वैसे सरकार और विधान सभा और कानून के बारीकियों को हर आम जनता सही से नहीं जानती मगर जब कुछ पूछा जाएगा तो कुछ न कुछ बोल ही देगी ज़रूरी नहीं के आम जनता कि हर सोच देश हित में हो माफ़ी चाहूंगा इस शब्द को ठीक से समझें मैं भी आम जनता ही हूँ .
अक़ल शिक्षा अनुभव राय के बाद जो फैसला होता है वही मज़बूत और सही होता है हर सवाल का जवाब आम आदमी के पास नहीं होता अगर होता तो हम ( आम जनता ) आज इतने साडी परिशानियों से नहीं गुज़रते .
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