- 107 Posts
- 253 Comments
सोचता हूँ आज मुझे क्या इनाम चाहिए
इस बेदर्द ज़माना से मुझे प्रेम चाहिए
भटकता रहा दर बदर जिसकी तलाश में
कब मिलेगा वो जो मुझको चाहिए
कुर्सी मिली और शोहरत भी मिल गयी
सोचता हूँ क्या मुझे इज़ज़त भी चाहिए
लुटाता हूँ जिनकी दौलतें पानी कि तरह आज
सोचा है कभी उनको हमसे हिसाब भी चाहिए
दो आंसू के बदले मिल तो जाते हैं उनके वोट
क्यूँ भूल जाते हैं के कुछ उनको हम से भी चाहिए
देते नहीं सकून अमन चैन आज हम जिसे
क्या उनके पास हमे फिर जाना भी चाहिए
जानते हैं हम के जनता है बेवक़ूफ़
पता है कैसे किसको मनाना भी चाहिए
चोर हो तो गलगर ये जानते हैं सभी
ज़ात पात भेद भाव में उसे छुप जाना भी चाहिए
जो चिल्लाये कह कर चोर चोर वो खुद भी चोर है
मुमकिन है उसे बचने का बहाना भी चाहिए
करते रहे दगा जो दुनिया से उम्र भर
कहते हैं हमको भी आज इनाम चाहिए
लोग झूठ बोलते हैं के मैं इंसान नहीं हूँ
वोट चाहिए कुर्सी चाहिए ये ताज चाहिए
बहेगा न अब लहू किसी ख़ास आम का
मिलता रहेगा अब जिसे जो भी चाहिए
सुनता है आज कौन तेरा रोना यहाँ इमाम
करो कुछ भलाई अगर यही इनाम चाहिए
============================
Read Comments