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आज कल इस पर बहस चल रही है और इस शब्द को लेकर बहुत से लोग अपना अपना राय दे रहे हैं और इस शब्द के वजह से साईं बाबा के ऊपर तरह तरह की बातें की जा रही हैं तो क्या सोचने और समझने का समय आ गया है के हम जाने के ” सबका मालिक एक ” शब्द सही है या नहीं अगर सही है तो इसका मानने वाला सही है या गलत है अगर सही है तो उस पर सवाल उठाना सही है या ग़लत.
तो सबसे पहले ये देखा जाए के ” सबका ” में कौन कौन है अगर सबका मतलब यही है के आसमान से लेकर ज़मीं तक जितनी भी जीव और चीज़ें हैं वो सब हैं यानि मालिक के सेवा कुछ नहीं बचता तो मनुष्य , जानवर , नदी , पहाड़ , यानि के जितनी भी चीज़ें हैं उन सबका कोई न कोई एक मालिक है .
जैसे एक देश का एक समय में दो प्रधान मंत्री नहीं हो सकता एक राज्य का एक समय में दो मुख्यमंत्री नहीं हो सकता एक पंचायत का एक समय में दो मुखिया या प्रधान नहीं हो सकता एक मनुष्य का दो बाप नहीं हो सकता दो माँ नहीं हो सकती एक साथ दो ड्राइवर गाड़ी को नहीं चला सकता उसी तरह इस पुरे दुनिया को चलने वाला पालने वाला बनाने वाला कोई न कोई एक है तो उस पर हमारा बिस्वाश है या नहीं अगर है तो सबका मालिक एक कहने वाला ग़लत कैसे अगर हमारा विश्वाश नहीं है तो क्या हम सही हैं या ग़लत .
अब ये देखना है के अगर सबका मालिक एक है तो उसे कौन किस किस नाम से जानता है जिस तरह एक चीज़ का अलग अलग भाषा में नाम देने से चीज़ वही रहती है चीज़ नहीं बदलती उसी तरह उस एक मालिक का नाम अलग अलग भाषा में लेने से वो मालिक नहीं बदलता.
जैसे हम अपने देश का ही नाम ले लें जैसे हिंदी में जब लिखते हैं तो भारत लिखते हैं इंग्लिश में इंडिया उर्दू में हिन्दुस्तान अरबी में हिन्द तो क्या ये सब अलग अलग हैं नहीं तो जो लोग जिस ज़बान में नाम लें हम उन से नाराज़ क्यों नहीं होते वो इस लिए के हमें पता है के एक ही देश के ये अलग अलग नाम हैं मगर देश एक ही है .
अब अगर उस मालिक को कौन किस नाम से जानता है ये साबित हो तो झगड़ा खत्म हो सकता है जैसे इस्लाम धर्म उस मालिक का नाम अल्लाह अरबी में कहता है फ़ारसी में खुदा उर्दू में खुदा ईसाई गॉड कहते हैं मेरे ख़याल से हिन्दू धर्म या सनातन में ईश्वर कहते हैं तो सब उसी मालिक को कह रहे हैं तो बीमारी कहाँ है क्या इस मालिक शब्द पर हम सब एक हैं या नहीं इस पर गवाही और फैसला करना चाहिए या नहीं यहाँ से बहुत सी बीमारियां साफ़ हो जाएंगी .
अब ज़रा इस्लाम के खास पहचान को देखें तो पता चलेगा के मालिक की मालिकाना बचता है या नहीं और मालिक को सिद्ध करता है या नहीं अगर मेरे प्रिय पाठक इस पर कुछ जानकारी बांटना चाहते हैं तो फिर मैं किसी दिन इस को आप सबके सामने रखूँगा इस लिए के सच को परखना और सोच समझ कर ही माना जाना चाहिए सच की खोज करना हर मनुष्य का हक़ है .
आप सबकी राय जानना चाहूंगा धन्यवाद .
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